FAQs

I-PAC अपनी इस पहल के ज़रिए यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है कि कोविद-19 वैश्विक महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई में कोई भी व्यक्ति भूखे पेट ना रहे। इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए “सबकी रसोई” नाम से एक कार्यक्रम शुरू किया गया है। इस पहल की शुरुआत रविवार 5 अप्रैल, 2020 से होगी और 10 दिनों के पहले चरण में भारत के 20-25 शहरों में कम से कम 15 लाख भोजन के पैकेट पहुंचाए जाएंगे।

देश के चुनिंदा 20-25 शहरों में 15 लाख (प्रतिदिन 1.5 लाख तक) भोजन के पैकेट उपलब्ध कराने के लिए I-PAC तीन तरह के संगठनों के साथ जुड़कर काम कर रही है: फूड प्रिपरेशन पार्टनर (खाना बनाने वाली बड़ी संस्थाएं), पैकेजिंग एवं डिलीवरी पार्टनर (खाने को पैक करने और पहुँचाने वाले लोग), ग्रासरूट फीडिंग पार्टनर (ज़मीनी स्तर पर भोजन वितरण कराने वाले संस्थाएँ)।

इस पहल से जुड़े सभी व्यक्ति या संस्थाएं सरकार द्वारा निर्धारित लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के सभी नियम और दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं और इस दिशा में हर संभव प्रयास करेंगे। इस संदर्भ में लोगों को भोजन कराने वाली संस्थाएं लॉकडाउन और भीड़-भाड़ से सम्बन्धित नियमों का विशेष ध्यान रखेंगी क्योंकि कुछ मौकों पर उन्हें अपेक्षा से ज्यादा भीड़ का सामना करना पड़ सकता हैं।

कोविद-19 वैश्विक महामारी की वजह से लोगों को अपार पीड़ा एवं परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अभी चल रहे राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की वजह से कई लोग भारी संकटो से जूझ रहे हैं, और इसका सबसे बुरा प्रभाव आर्थिक रूप से सबसे निचले पायदान के लोगों – प्रवासी मजदूर, दिहाड़ी कामगार और बेघरों पर पड़ रहा है। विपदा की इस घड़ी में लोगों को एकजुट होकर ज़रूरतमंदों की मदद के लिए खड़े होने की आवश्यकता है। इसलिए I-PAC का ये प्रयास है कि जिन लोगों के पास दूसरों की मदद कर सकने की क्षमता है, वैसे सभी लोगों को साथ लाया जाए ताकि व्यक्तिगत या सामूहिक प्रयासों की कमी की वजह से कोई भूखा न रह जाए। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोविद-19 के दौरान भूख के खिलाफ कोई अपनी जंग न हारे, हम सबको साथ मिलकर हरसंभव प्रयास कर रहे है।

I-PAC खुद इस पूरी पहल के फंडिंग कर रही है। सबकी रसोई पहल के लिए यह एक दिन में 1.5 लाख लोगों तक भोजन पहुंचाने के लिए कई NGO, फूड डिलीवरी पार्टनर, हेल्थकेयर पार्टनर, सरकारी एजेंसियों और व्यक्तियों को एक साथ लाने का प्रयास कर रही है।
हमारे वेबसाइट पर 'लाइव ट्रैकर' सेक्शन हैं, जहाँ पर कितने शहरों एवं राज्यों में हम सक्रिय हैं और अब तक कितने भोजन पैकेट्स हम वितरित कर चुके हैं, इससे सम्बंधित जानकारी उपलब्ध है।
इस पहल के लिए I-PAC ने भारत की सबसे बड़ी फ़ूड डिलीवरी प्लेटफार्म Swiggy के साथ पार्टनरशीप किया है, ताकि जरुरतमंदों को नियमित समय पर ताज़ा पाक हुआ भोजन पहुंचाया जा सके।
नहीं, लाभार्थियों को हमारे ग्रासरूट पार्टनर द्वारा निशुल्क भोजन प्रदान किया जाएगा।
कृपया हमारे वेबसाइट पर 'हमसे जुड़े' बटन पर क्लिक कर के अपने संस्था को रजिस्टर करें। हमारी टीम जल्द ही आपसे संपर्क करेगी |
कृपया हमारे वेबसाइट के 'फ़ूड डिस्ट्रिब्यूशन पार्टनर' सेक्शन पर जाए, वहां पर आपके क्षेत्र में सक्रिय सभी संस्थाओं के बारे में सारी जानकारी मिल जाएगी|
प्रमाणित ट्रैक रिकॉर्ड वाली भोजन बनाने की संस्थाएं अपने कौशल एवं संसाधनों का उपयोग करते हुए, स्थापित मानकों के अनुरूप अपने किचन में भोजन तैयार करेंगी। पैकेजिंग और डिलीवरी वाली संस्थाएं उच्चतम मानकों का अनुपालन करते हुए भोजन के पैकेट तैयार करेंगी और समय पर जरुरतमंदो तक पहुँचाना सुनिश्चित करेंगी।
"हमें अपने सहयोगियों पर पूर्ण विश्वास है, इसके अतिरिक्त हमारी 150 लोगों की टीम लगातार ग्रासरूट्स संस्थाओं के साथ जुड़े हुए हैं | इसके अलावा, I-PAC ने ग्रासरूरट फीडगिं पार्टनर की अधिकतम अखंडता सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष निगरानी प्रणाली स्थापित की है।"
अभी वर्तमान में प्रति भोजन पैकेट का खर्च रु 25 - 35 हैं, हालाँकि सबकी रसोई के सभी लाभार्थीयों को हम यह बिना किसी शुल्क के भोजन दिया जाएगा।
हमने सभी संबंधित सरकारी संस्थाओ से अनुमति मांगी है और यह सुनिश्चित किया है कि हमारे कार्यों को सभी राज्यों व केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों का पूर्ण रूप से पालन करते है।
" हमारे वेबसाइट पर नियमित अपडेट के ज़रिए भोजन की लागत, लाभार्थियों की संख्या, हमारे द्वारा संचालित शहरों और वितरित किए जा रहे भोजन की संख्या से संबंधित सूचनाएँ प्रदान की जाएगी।
" हमने अभियान के पहले चरण की शुरुआत कर दी है और अभी के लिए 20-25 शहरों में काम कर रहे हैं। हम आगे आने वाले दिनो में कई और शहरों और ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक भोजन पहुचाने की कामना करते है।
वर्तमान में हम केवल यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे है कि इस घातक वायरस से बचने के लिए सबकी रोग प्रतिरोधक शक्ति मजबूत रहे, इसलिए हम ताजा पकाया हुआ भोजन उपलब्ध कराने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
"इस पहल को आगे बढ़ाने और बनाए रखने के लिए आप उन संभावित संगठनों की पहचान करने में हमारी मदद कर सकते हैं जो कोविद-19 लाक्डाउन से पीड़ित भूखे लोगों की सेवा करने में सक्षम हैं या जो सेवारत हैं। आप हमें अपने नज़दीकी इलाक़े में जरूरतमंद लोगों की पहचान करके भी हमारी इस पहल में योगदान कर सकते है। इसके अतिरिक्त, यदि आप हमारे साथ साझेदार बनने के लिए तैयार हैं, तो अपने आप को पंजीकृत करने के लिए वेबसाइट पर 'हमसे जुड़ें' टैब पर क्लिक करें।"
इस पहल में रुचि दिखाने के लिए धन्यवाद। हमसे संपर्क करने के लिए 69008 69008 पर कॉल करें।
इस पहल में रुचि दिखाने के लिए धन्यवाद। हमसे संपर्क करने के लिए 69008 69008 पर कॉल करें।
इस पहल में रुचि दिखाने के लिए धन्यवाद। हमसे संपर्क करने के लिए 69008 69008 पर कॉल करें।
"नहीं। यह पहल राजनीतिक नहीं है। मौजूदा स्थिति में, I-PAC ने जरूरतमंद लोगों की मदद करने और समाज के सबसे संकटग्रस्त वर्गों को राहत प्रदान करने के लिए एकजुटता से खड़े होने का फैसला किया है। "
"सबकी रसोई I-PAC की एक स्वतंत्र पहल है। हालांकि, प्रशांत किशोर I-PAC के मेंटर हैं। प्रशांत किशोर ऐसा महसूस करते हैं और मानते हैं कि हमें एक साथ मिलकर उन लोगों की मदद करना चाहिए जो इस वक्त जरूरतमंद हैं। I-PAC ऐसे लोगों के लिए यह पहल शुरू कर रहा है। "
हमारी वेबसाइट www.indianpac.com पर लॉग इन करें।